हेलो दोस्तों नमस्कार आपका BUZZR IN INDIA में स्वागत है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि हम अपना व्यक्तित्व का लाइफ बैलेंस कैसे बना सकते हैं? हम अपनी लाइफ में ऐसी कौन-सी चीजें हैं जिनको use कर के हम अपना लाइफ या New ज़िन्दगी का सही बैलेंस बना सकते हैं। इन्हीं बातों पर इस आर्टिकल में आपके साथ चर्चा करने वाले हैं पोस्ट को पूरा पढ़ें, यह बहुत ही रोचक जानकारी होने वाली है।
व्यक्तित्व का सही निर्माण कैसे कर सकते हैं?
वास्तव में हम अपने व्यक्तित्व का सही निर्माण कैसे कर सकते हैं? व्यक्तित्व क्या है? व्यक्तित्व एक गतिशील विचारधारा है जो कि समय और परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन होती रहती है। यह एक विशेष लक्षण विशेषता या गुण है जो कि किसी व्यक्ति में विद्यमान होता है।
यह एक व्यक्ति को, अन्य व्यक्ति से अलग पहचान प्रदान करता है। इसका सम्बंध मानव शरीर में पाए जाने वाले शारीरिक एवं मानसिक घटकों से होता है। इस प्रकार व्यक्तित्व का सम्बंध मनोवैज्ञानिक और भौतिक व शारीरिक घटकों से होता है।
मनोवैज्ञानिक घटक प्रणाली अर्थात मानव मस्तिष्क, भौतिक शारीरिक घटक है। एक प्रणाली अथवा शारीरिक स्वास्थ्य से सम्बंधित होता है। इस प्रकार व्यक्तित्व मानव शरीर की मनोवैज्ञानिक प्रणाली व भौतिक प्रणाली का अनुकूल मिश्रण होता है।
मानव व्यवहार के रूप में परिलक्षित
व्यक्तित्व मनुष्य के मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक घटक से सुनिश्चित और मानव व्यवहार के रूप में परिलक्षित और प्रतिबिंब होता है। अब हम बात करते हैं व्यक्तित्व की अवस्था व पहचान व्यक्तित्व मानव जीवन की विभिन्न अवस्थाओं से अलग-अलग रूप में होता है।
व्यक्तित्व की अवस्थाएँ, बचपन, किशोर अवस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था होती है। व्यक्तित्व की पहचान व्यक्ति की सामान्य बुद्धि समाज चतुर्थ निर्णय क्षमता ईमानदारी परिश्रम दूरदर्शिता मानव व्यवहार की गुणवत्ता बुद्धि चतुर्थ निर्णय, क्षमता, ईमानदारी व परिश्रम दूरदर्शिता,
मानव व्यवहार की गुणवत्ता परिता चेतन एकाग्रता और समय की पाबंदी व अनियमितता आदि के आधार पर की जाती है। यह कारण है व्यक्तित्व विकास हेतु समय प्रबंधन को भी निर्धारित घटक माना जाता है।
अपने लाइफ बैलेंस को सही मेंटेन
अब हम बात करते हैं अपने लाइफ बैलेंस जीवन को सही मेंटेन करने हेतु ध्यान दिया जाने वाले महत्त्वपूर्ण विचार, मनोवैज्ञानिक सुधार हेतु निम्न बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को सजग एवं अग्रसर रहना चाहिए, प्रतिस्पर्धा हेतु सदैव खिलाड़ी भावना होनी चाहिए, ताकि सदैव आगे रहा जा सके.
सफलता का नशा ना होना और विफलता से मायूस ना होना। सकारात्मक सोच रखते हुए व्यर्थ की चिंता ना करें, पर्यावरणीय परिवर्तनों और इनके प्रभाव का ध्यान रखना। व्यवस्था एक पेशेवर ज्ञान में वृद्धि करना। शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त करना।
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क्रोध पर नियंत्रण करना, क्रोध ना रखना, उर्वरकों का विकसित करना, आत्मा विश्वास बढ़ाना, समय प्रबंधन के अनुसार आवश्यक संतुलन-संतुलन बनाए रखना ऐसी तमाम प्रकार की बातों को यदि हम अपने जीवन में उतारते हैं तो हम अपने लाइफ बैलेंस को सही-सही मेंटेनेंस कर सकते हैं।
पोस्ट निष्कर्ष
दोस्तों आपने इस पोस्ट में जाना कि हम अपने व्यक्तित्व विकास को Life बैलेंस में कैसे एडजस्ट करें, आशा है आपको एक छोटी-सी जानकारी ज़रूर अच्छी लगी होगी। अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करें, पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.